बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू को बड़ा झटका, 15 पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा, पढ़ें वजह


मोतिहारी(MOTIHARI): मोतिहारी में जदयू को लगा बड़ा झटका लगा है.क्योंकि एक साथ 15 जदयू पदाधिकारी ने इस्तीफा दिया है. जिससे मोतिहारी के राजनीतिक दलों में हड़कंप सा मचा हुआ है. इस्तीफा देने वाले पदाधिकारी ने आगे आंदोलन धरना प्रदर्शन की चेतावनी सरकार को दिया है. बताया गया है कि किसी भी कीमत पर वक्फ बिल वापस लेना होगा सरकार को हम लोग गांधीवादी विचारधारा के साथ धरना प्रदर्शन के साथ आंदोलन करेंगे. पूर्वी चंपारण जिले में 12 विधानसभा में मात्र एक विधानसभा केसरिया से शालिनी मिश्रा ने 2020 जीत दर्ज की थी. वहीं जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद सिन्हा ने जदयू छोड़ बीजेपी के टिकट पर रक्सौल विधायक है.
15 जदयू पदाधिकारी ने दिया इस्तीफा
ढाका में जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है. विगत दिनों जदयू के प्रवक्ता डॉ कासिम अंसारी ने इस्तीफा दिया था. पुनः ढाका प्रखंड के जनता दल यूनाइटेड के 15 पदाधिकारी ने एक साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है, जिसके बाद जदयू दल में राजनीति भूचाल सा आ गई है.वहीं इस्तीफा देनेवाले लोग अपना सदस्यता रशीद,लेटर पैड पर ज्वॉइन पत्र के साथ कार्यक्रम में बरिष्ट नेता के साथ फोटो दिखाया.ढाका विधानसभा मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. वहीं ढाका विधानसभा शिवहर लोकसभा क्षेत्र से आता है जो पूर्वी चंपारण जिले के ढाका विधानसभा है, जहां से शिवहर लोकसभा से सांसद लवली आनंद जीत दर्ज की है तो ढाका बीजेपी विधायक पवन जायसवाल हैं.
वक्फ बिल का समर्थन जदयू को पड़ा महंगा
अब ऐसे में देखना बड़ा दिलचस्प होगा चुनावी वर्ष में एक तरफ विपक्ष लगातार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत पर सवाल उठाता है तो दूसरी तरफ बीजेपी के पैटर्न पर जदयू को चलने के साथ बीजेपी में विलय या जनप्रतिनिधियों की बीजेपी के मेल जोल का आरोप मढ़ते रहता है अब ऐसे में देखना होगा चुनावी वर्ष में मौके पर केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई वक्फ बिल संशोधन में जदयू का साथ देना कितना लाभदायक होगा या नुकसानदायक लेकिन फिलहाल जदयू में लगातार टूट पड़ती जा रही है.
.10. मुस्तफा कमाल (अफरोज) युवा प्रखंड. उपाध्यक्ष
15 में से एक को पार्टी ने माना अपना पदाधिकारी
जदयू के ढाका प्रखंड अध्यक्ष नेहाल अख्तर ने ढाका से बाहर होने का हवाला दे फोन पर बताया कि इन सभी नेताओं में एक युवा अध्यक्ष को छोड़कर कोई भी नेता पार्टी का नहीं है। केवल विपक्षियों के द्वारा जदयू को बदनाम करने के लिए इस तरह की साजिश रची जा रही है। अगर इन सभी नेताओं ने इस्तीफा दिया है तो अपनी प्राथमिक सदस्यता का प्रमाण दें।वही जदयू के जिलाध्यक्ष पटना में मिटिंग में होने की बात बताई.
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