सवाल उठने लगे हैं कि आकड़ों के खेल में क्या फिर फंसेगी झारखंड में सत्ता की चाबी ?


धनबाद(DHANBAD) : 24 साल के युवा झारखंड पांचवीं बार किसकी सत्ता होगी, इसके लिए वोट करने जा रहा है. प्रथम चरण का वोट खत्म हो गया है, दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी. 23 नवंबर को वोटो की गिनती होगी. झारखंड में कुल विधानसभा की संख्या 81 है. इस लिहाज से सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 41 होती है. लेकिन झारखंड में अभी तक कोई दल ऐसा नहीं हुआ, जो 41 का यह जादुई आंकड़ा पार कर ले अथवा छू ले. झारखंड छोटा राज्य है, लेकिन यहां राजनीति के अलग-अलग प्रयोग हुए. यह राज्य निर्दल विधायक को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखा, तो गठबंधन सरकार भी देखा. उन गठबंधन में नीति और सिद्धांत दरकिनार कर दिए गए.
2014 में भाजपा को अबतक की सबसे अधिक सीट मिली थी और यह झारखंड के इतिहास में भाजपा का सबसे बेहतर प्रदर्शन था. लेकिन फिर भी जादुई आंकड़ा नहीं मिल पाया. फिर तो बाबूलाल मरांडी की अगुवाई वाला झारखंड विकास मोर्चा को तोड़कर जादुई आंकड़ा प्राप्त किया गया और रघुवर दास मुख्यमंत्री बने. बाबूलाल मरांडी के लिए या बड़ा झटका था, लेकिन वह कुछ कर नहीं सके. यह अलग बात है कि झारखंड के अतीत को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों इसबार सजग और सतर्क है. गठबंधन के साथ एनडीए और इंडिया ब्लॉक चुनाव लड़ रहा है.
बीजेपी के साथ एनडीए में आजसू, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) है तो इंडिया ब्लॉक में झामुमो के साथ कांग्रेस, राजद और माले है. देखना दिलचस्प होगा की किस गठबंधन के खाते में यह जादुई आंकड़ा पहुंचता है. प्रथम चरण के मतदान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि दूसरे चरण में 38 सीटें ही झारखंड में सत्ता का द्वारा खोलेंगी. इस वजह से संथाल में भी कड़ा संघर्ष है तो कोयलांचल में भी संघर्ष कम नहीं है. सभी दल अपना अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव प्रचार खत्म होने के पहले तक सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. स्टार प्रचारकों ने खूब पसीना बहाया. एक तरफ इंडिया गठबंधन ने मंईयां सम्मान योजना तो दूसरी ओर एनडीए गठबंधन ने गोगो दीदी योजना का प्रचार प्रसार किया. वहीं दोनों ओर से घुसपैठ पर वार के साथ पलटवार भी किए गए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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