बहुचर्चित प्रमोद सिंह मर्डर केस : पढ़िए -संतोष सिंह, रणविजय सिंह सहित अन्य को क्यों जारी हुआ है नोटिस

धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के कोयला कारोबारी और यूपी के डॉन ब्रजेश सिंह के रिश्तेदार प्रमोद सिंह हत्याकांड में लोअर कोर्ट से बरी हुए आरोपियों की एक बार फिर परेशानी बढ़ सकती है. धनबाद की सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने 4 फरवरी 2022 को कांग्रेस के धनबाद जिला अध्यक्ष संतोष सिंह, कांग्रेस नेता रणविजय सिंह सहित 6 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. सीबीआई ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट गई. अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया है. जानकारी के अनुसार सीबीआई क्राइम ब्रांच, नई दिल्ली की ओर से दायर अपील याचिका पर हाईकोर्ट में 12 मार्च को सुनवाई होगी.
सीबीआई की जांच आगे बढ़ी तो बदल गई पुलिस की एफआईआर
बता दें कि प्रमोद सिंह के कथित मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर पुलिस की ओर से पहले दावा किया गया था कि कोयला कारोबारी सुरेश सिंह, रणविजय सिंह और संतोष सिंह के सामने मृतक प्रमोद सिंह ने मृत्यु पूर्व बयान दिया था. जिसमें रामधीर सिंह, उनके भतीजे राजीव रंजन सिंह पर गोली मारने का आरोप लगाया गया था. प्रमोद सिंह के कथित मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर रामधीर सिंह और उनके भतीजे राजीव रंजन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उसके बाद यह मामला सीबीआई के पास चला गया. सीबीआई ने पुलिस की एफआईआर को पलटते हुए सुरेश सिंह को हत्या का मास्टरमाइंड बताया था, जबकि कांग्रेस नेता रणविजय सिंह, संतोष सिंह और सरायढेला के तत्कालीन थाना प्रभारी एमपी खरवार पर साजिश रचने का आरोप लगाया था.
प्रमोद सिंह की हत्या के बाद माफियागिरी की दिशा और दशा बदल गई थी
यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रमोद सिंह की हत्या के बाद कोयलांचल की माफियागिरी की दिशा और दशा बदल गई थी. प्रमोद सिंह यूपी के डॉन बृजेश सिंह के रिश्तेदार थे. वह धनबाद और यूपी में बृजेश सिंह के कोयले का काम को देखते थे. धनबाद में भी धीरे-धीरे कोयला कारोबारियों में उनकी गिनती होने लगी थी कि अचानक 3 अक्टूबर '2003 को धनबाद के धनसार स्थित उनके आवास के पास गोलियों से उनको भून दिया गया. आरोप लगने के बाद राजीव रंजन सिंह धनबाद से अकेले ही कोलकाता के लिए निकले लेकिन कोलकाता जाना उनके लिए काल बन गया. आज तक उनका कुछ भी पता नहीं चला है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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