दुमका:फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के छात्र असामाजिक तत्वों की एंट्री से है परेशान, प्रशासन से लगा रहे है ये गुहार
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दुमका(DUMKA):दुमका के दिग्घी में संचालित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्र कॉलेज परिसर में असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने की गुहार लगा रहे है.मेडिकल कॉलेज के छात्रों को छात्र समन्वय समिति का भी साथ मिल गया है. जो सड़कों पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी है.
चंदन सिंह और छात्रों के बीच तकरार
वहीं दो दिनों से फूलो झानो मेडिकल कॉलेज परिसर अशांत है. बताया जा रहा है कि चंदन सिंह और छात्रों के बीच तकरार इतनी बढ़ गयी कि चंदन अपने कुछ सहयोगी के साथ कॉलेज परिसर में प्रवेश कर छात्रों के साथ मारपीट करने लगा.छात्रों ने डटकर इसका विरोध किया. कुछ समय के लिए कॉलेज परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया.
दोषी की गिरफ्तारी और असमाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक की गुहार छात्र लगा रहे है
चंदन के बारे में बताया जा रहा है कि कॉलेज में मानव संसाधन मुहैया कराने वाले एजेंसी का सुपरवाइजर है.विवाद कैंटीन संचालक से शुरू होकर चंदन तक पहुंच गया है. मामला थाना तक पहुंचा प्रशासनिक पहल के बाद फिलहाल मामला शांत है. कॉलेज के छात्रों ने इस मामले को लेकर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है. दोषी की गिरफ्तारी और असमाजिक तत्वों के प्रवेश पर रोक की गुहार मेडिकल कॉलेज के छात्र लगा रहे है.
कार्रवाई नहीं होने पर छात्र समन्वय समिति सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी
घटना की जानकारी मिलने पर रविवार को छात्र समन्वय समिति के नेता मेडिकल कॉलेज पहुंचे. छात्रों से मिलकर घटना की जानकारी ली. घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए छात्र नेता श्यामदेव हेम्ब्रम और राजीव बास्की ने कहा कि पृथ्वी के भगवान कहे जाने वाले आज दहशत के साए में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्र समन्वय समिति हर कदम पर मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ खड़ी है. यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो छात्र समन्वय समिति सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी.
घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है
वहीं पूरे मामले पर सदर अंचलाधिकारी का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर पहल की जाएगी.मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अपने स्तर से गार्ड रखने के साथ साथ जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग करनी चाहिए.जो भी हो इतना तो सत्य है कि छात्र यहां मेडिकल की पढ़ाई करने आए हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रबंधन के साथ साथ शासन और प्रशासन की है. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.
रिपोर्ट-पंचम झा
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