‘टीचर’ बने डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद, एग्जाम की तैयारी करनेवाले बच्चों को निशुल्क देते हैं शिक्षा

लोहरदगा (LOHARDAGA):लोहरदगा जिले के डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने अपने जिले के बच्चों को पढ़ाई की क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक बहुत ही अनोखी और खूबसूरत पहल की हैं.अब तक आपने किसी भी जिले के डीसी को अपने क्षेत्र में प्रशासनिक और विकास कार्यों को करते देखा होगा. लेकिन आज आपको एक ऐसी खूबसूरत तस्वीर दिखाने जा रहे हैं. जिसको देखकर किसी के भी दिल को सुकून पहुंचेगा. इस तस्वीर में आपको लोहरदगा जिले के डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण एग्जाम की तैयारी करनेवाले बच्चों को पढ़ाते नजर आ रहे हैं.जिससे बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है.
डीसी की जिम्मेदारी के साथ हर सप्ताह शिक्षक की भूमिका निभाते हैं डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण.
लोहरदगा जिला के तमाम कार्यों की जिम्मेदारी संभालने वाले डीसी हर सप्ताह शिक्षक की भूमिका में नजर आते हैं.प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को एक शिक्षक की तरह पढ़ाने के साथ-साथ एक मित्र बनकर अपने संघर्षों के दिनों को शेयर करके बच्चों को प्रेरित करने का काम करते हैं.
डीसी के साथ एसडीओ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, रजिस्ट्रार भी बच्चों को पढ़ाने आते हैं.
लोहरदगा के युवाओं को यूपीएससी, जेपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए दूसरे राज्यों की ओर नहीं जाना पड़ता है.क्योंकि बेहतर सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले विधार्थियों को डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण पढ़ाते हैं.इनसे प्रेरित होकर जिले नदिया हिन्दू उच्च विधालय परिसर के विज्ञान भवन में अन्य सरकारी अधिकारी एसडीओ अरविन्द कुमार लाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी सुनंदा चंद्रमोलेश्वर दास,रजिस्ट्रार सुभाष दत्ता सहित जिले के तमाम पदाधिकारी बच्चों का भविष्य संवारने आते हैं.इस पर परीक्षा की तैयारी कर रहे विधार्थियों का कहना है कि ट्यूशन लेने से बेहतर है कि उनके माध्यम से तैयारी की जाय, जो अपने अनुभवों के साथ हमें बेहतरीन तरीके से गाइडलाइन दे सकें.
निःशुल्क शिक्षा के साथ पुस्तक सहित तमाम सुविधाएं भी दी जाती है.
तो वहीं इस पर डीसी डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से निःशुल्क शिक्षा देने का काम किया जा रहा है.इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को पुस्तक सहित तमाम सुविधाएं निःशुल्क दी जाती है.ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र लोहरदगा के बच्चें मुख्यधारा की ओर आगे बढ़ सके और अपना भविष्य संवार कर सके.
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